उद्देश्यः हिन्दी पत्राकारिता एक ऐसा विषय है, जिसकी जरूरत आज के प्रत्येक उस युवा को है, जो देश के चौथे स्तम्भ को अपने परिश्रम से सींच कर लोकतंत्र की नींव को सुदृढ़ करना चाहता है। लोकतांत्रिक दृढ़ता के साथ आजीविका की समुचित व्यवस्था इस विषय में निहित है। सरकारी नौकरियों के लिए लगातार बढ़ती भीड़ के समानांतर हमारी सरकार ने ‘स्किल इण्डिया मिशन’ जैसे कार्यक्रम शुरू किये हैं, जिसके माध्यम से युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य-कुशल होने की प्रेरणा मिली है। यह कार्य-कुशलता युवाओं की आजीविका का आज सबसे बड़ा माध्यम है। फलतः हमारा महाविद्यालय भी इस सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से ज्ञान के साथ पत्राकारिता -प्रशिक्षण की सुविध उपलब्ध् कराकर, युवाओं को कार्य-कुशल होने का अवसर प्रदान कर रहा है, जिसके सहारे हमारे युवा,पत्राकारिता जैसे पफलते-पफूलते रोजगार को अपनी आजीविका बना सकेंगे। पत्राकारिता का क्षेत्रा काफी विशद है, यहाँ प्रिंट मीडिया के तहत छापाखाने से लेकर, समाचार-संकलन, समाचार-सम्पादन, विज्ञापन, वितरण और इलैक्ट्रोनिक मीडिया के तहत कैमरामैन से लेकर, न्यूज रिपोर्टिंग, न्यूज एंकरिंग, वेबसाईट रिपोर्टिंग आदि अनेक क्षेत्र हैं, जहाँ ससम्मान नौकरी प्राप्त की जा सकती है।
पत्राकारिता विषय के अध्ययन का महत्व:
1. रोजगार की असीम सम्भावना 4. खोजी पत्राकारिता के माध्यम से विशेष विषयों को उठाकर राष्ट्र-हित एवं
2. लोकप्रिय रोजगार के साथ सामाजिक प्रतिष्ठा 5. प्रेस कानून का ज्ञान
3. प्रशासन और आम जनता के बीच सेतु का कार्य।
प्रश्न-पत्रा विवरण:
प्रथम प्रश्न-पत्रा: हिन्दी पत्राकारिता - ऐतिहासिक संदर्भ एवं विकास-प्रक्रिया
द्वितीय प्रश्न-पत्रा: हिन्दी पत्राकारिता - प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया और प्रेस-विध्
तृतीय प्रश्न-पत्रा: व्यावहारिक पत्राकारिता एवं प्रशिक्षण ;ज्तंपदपदहद्ध